About The Founder & His Vision

Hallelujah! Shalom. .. May God bless you all!

My name is Pastor Ashok Masih, and our church is Grace Deliverne Church, which is in Shiv Vihar Uttam Nagar. Today I want to tell you that I started the ministry in 2007. Lord appeared to me that you have to do ministry in Shiv Vihar (Vikas Nagar). I did not even know about Shiv Vihar, but I thank God that I told God that this is a darshan and it is important for me to know. So I was wondering how will I go? But I met a brother in Sagarpur itself, who used to run a shop there.

When I met him, he asked me if I do ministry, then I said yes, the Lord has entrusted me with ministry. I told him that I want to do ministry in Shiv Vihar. He said, “Do you know anyone there?” I said no. .. then he laughed.

He said will you do it in Shiv Vihar, I said yes I will, it is God’s plan. So he said that I had been praying for 3 years that God should send a slave to Shiv Vihar. I started serving there from that day when there were pits, there was water everywhere, there were no facilities of drains, no bathrooms, no drinking water. At that time, I used to walk from Palam to Shiv Vihar (approx 8 km) and go back again at night. I started the ministry from their house (with 5 members). Together we started serving the Lord from that day. And yes, every day we started praying to the Lord together. We started campaigning by sitting near small shops and giving messages to the people. 

Thank God! Today we have a very good church, and we all together plant a church in a 50 yard plot. Today, by the grace of God, many young people have joined us. Today there is no support from outside, but the children of the church who do jobs support us today by giving a part of their salary. Please pray for us, so that our darshan is complete.
May the Lord always be with you. Amen !

हाल्लेलूईया ! शालोम। .. प्रभु आपसबको आशीष दें !

मेरा नाम पास्टर अशोक मसीह है , और हमारा जो चर्च है वो है ग्रेस देलीवेरने चर्च है , जो शिव विहार उत्तम नगर में है | आज मैं आपको बताना चाहता हूँ की जो मैंने सेवकाई शुरू की वो 2007 में की | प्रभु में मुझे दर्शन दिया की तुम्हे शिव विहार ( विकास नगर ) में सेवकाई करनी है | मैं शिव विहार को जानता भी नहीं था, लेकिन प्रभु का धन्यबाद करता हूँ की मैंने प्रभु से कहा की ये दर्शन है और मुझे जानना जरुरी है | तो मैं सोचता था की मैं जाऊंगा कैसे ? लेकिन सागर पुर में ही एक भाई से मिला, जो वही पे दूकान लगते थे | मैं उनसे मिला, तो उन्होंने मुझसे पूछा आप सेवकाई करते हो, तो मैंने कहा हां, पभु ने मुझे सेवकाई सौपा है | मैंने उनसे कहा मैं शिव विहार में सेवकाई करना चाहता हूँ | उन्होंने बोलै वहाँ पे आप किसी को जानते हो मैंने बोलै नहीं। .. तो वो हसे |

उन्होंने बोलै शिव विहार में करोगे, मैंने बोलै हां करूँगा, प्रभु की योजना है | तो कहने लगे की मैं 3 साल से पार्थना कर रहा था की प्रभु किसी दास को शिव विहार में भेज | मैंने उसदिन से वहां पे सेवकाई सुरु किया जब वहां पे गड्ढे हुआ करते थे, चारो तरफ पानी हुआ करता था , न नालियों की सुबिधा थी, न बाथरूम की, न पिने की पानी | मैं उस समय पालम से पैदल चलकर शिव विहार ( तक़रीबन 8 km ) आता था और रात को फिर वापस जाता था | मैंने उनके घर से ( 5 मेंबर के साथ ) सेवकाई शुरू की | हमने मिलकर उसदिन से प्रभु की सेवकाई करना शुरू कर दिया | और हां हर रोज हमलोग मिलकर प्रभु से प्रार्थना करने लगे | हमलोगो ने छोटे-छोटे दुकानों के पास बैठ कर प्रचार करना शुरू कर दिया, लोगो को सन्देश देते थे |

प्रभु का धन्यबाद ! आज हमरे पास बहुत अच्छी कलीसिया है, और हम सब मिलके आज 50 गज के पलॉट में कलीसिया लगाते है | आज प्रभु की देन से आज बहुत से नौजवान हमरे साथ ज़ुरा हुआ है | आज बाहर से कोई सपोर्ट नहीं है बल्कि कलीसिया के बच्चे जो जॉब करते है, वो अपने सैलरी के हिस्से से देकर आज सपोर्ट करते है |

आपलोग हमारे लिए पप्रार्थना करें , ताकि हमारे दर्शन पुरे हो |
प्रभु सदा आपके साथ रहे | आमीन !